दारा सिंह का संक्षिप्त जीवन परिचय। (Brief biography of Dara Singh)
दारा सिंह ने सबसे पहले पहलवानी ने विश्व स्तर पर अपना तथा भारत का नाम रोशन किया। दारा सिंह रेसलिंग में कई पुरस्कार अपने नाम दर्ज करवा चुके हैं। 12 दिसंबर 1956 को जब उनका मैच ऑस्ट्रेलिया के किंग कोंग रेसलर से हुआ, तो 200 किलो के रेसलर को उन्होंने अपने सर पर उठा लिया और घुमा दिया। वर्ष 1988 में दूरदर्शन पर प्रसारित किए जाने वाली रामायण में इन्होंने हनुमान की भूमिका निभाई थी। वर्ष 1954 में पहली झलक फिल्म से इन्होंने हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया। इस फिल्म में इन्होंने रेसलर दारा सिंह का ही किरदार निभाया था। दारा सिंह ने हिंदी फिल्मों के साथ-साथ पंजाबी फिल्मों में भी काम किया। दारा सिंह केवल एक रेसलर ही नहीं बल्कि अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और राजनीतिज्ञ भी थे। दारा सिंह को आयरन मैन ऑफ इंडियन सिनेमा, ओरिजिनल मसल मैन ऑफ बॉलीवुड, तथा एक्शन किंग ऑफ बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है। दारा सिंह की अंतिम फिल्म वर्ष 2012 में आई अता पता लापता थी। 12 जुलाई 2012 को घातक हार्ट अटैक के कारण मुंबई महाराष्ट्र में उनका देहांत हो गया।
दारा सिंह का जन्मदिन और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि (Dara Singh’s birthday and his family background)
दारा सिंह का जन्म 19 नवंबर 1928 को धर्मूचक, अमृतसर पंजाब में रहने वाले एक जाट सिख परिवार में ब्रिटिश इंडिया के समय हुआ था। इनका वास्तविक नाम दीदार सिंह रंधावा है। इनके पिता का नाम सूरत सिंह रंधावा तथा माता का नाम बलवंत कौर है। इनके पिता एक किसान थे।
दारा सिंह बतौर प्रोफेशनल रैसलर (Dara Singh as a Professional Wrestler)
दारा सिंह को बचपन से ही कुश्ती करने का शौक था। वर्ष 1947 में उन्हें सिंगापुर जाने का मौका मिला। वहां वह ड्रम बनाने वाली 1 मील में काम किया करते थे। उसी समय उन्होंने हरनाम सिंह से रेसलिंग की बारीकियां सीखी। वह ग्रेट वर्ल्ड स्टेडियम में प्रैक्टिस किया करते थे। उनकी कद काठी को देखते हुए हरनाम सिंह ने ही उन्हें पहलवानी करने का परामर्श दिया। कुछ वर्षों के बाद कुश्ती की बारीकियां सीखने के पश्चात दारा सिंह ने बतौर प्रोफेशनल रैसलर मैच में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने दौर के विख्यात रेसलर बिल वर्ना, फिरबो ज़िसको, जॉन द सिल्वा , रिकी डोज़न, स्काई हाई लीज़ और मुख्यत: किंग कोंग को हराकर विश्व भर में अपना कथा भारत का नाम रोशन कर दिया। जल्द ही उनकी ख्याति विश्व के दिग्गज पहलवानों में हो गई।
वर्ष 1954 में दारा सिंह को रुस्तम ए हिंद के हिसाब से नवाजा गया। इस टूर्नामेंट में उन्होंने टाइगर जोगिंदर सिंह को हराकर महाराजा हरि सिंह से सिल्वर कप प्राप्त किया। वर्ष 1959 में उन्होंने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में जॉर्ज गोरडिंको को हराया। अपने जीवन का अंतिम टूर्नामेंट इन्होंने दिल्ली में जून 1983 में खेला था और उसके बाद रिटायरमेंट ले ली थी।
दारा सिंह की व्यक्तिगत जानकारी (Personal Information of Dara Singh)
वास्तविक नाम | दीदार सिंह रंधावा |
उपनाम | दारा |
दारा सिंह का जन्मदिन | 19 नवंबर 1928 |
दारा सिंह की आयु | 83 वर्ष |
दारा सिंह का जन्म स्थान | धर्मूचक, अमृतसर पंजाब, ब्रिटिश इंडिया |
दारा सिंह की मृत्यु तिथि | 12 जुलाई 2012 |
दारा सिंह का मृत्यु स्थान | मुंबई महाराष्ट्र भारत |
दारा सिंह की मृत्यु का कारण | कार्डियक अरेस्ट |
दारा सिंह का मूल निवास स्थान | धर्मूचक, अमृतसर पंजाब, ब्रिटिश इंडिया |
दारा सिंह का पता | 308, दारा विला, एबी नायर रोड जूहू मुंबई महाराष्ट्र |
दारा सिंह की राष्ट्रीयता | भारतीय |
दारा सिंह का धर्म | सिख |
दारा सिंह की शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
दाल सिंह के स्कूल का नाम | ज्ञात नहीं |
दारा सिंह के कॉलेज का नाम | ज्ञात नहीं |
दारा सिंह का व्यवसाय | पहलवान, अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और राजनीतिज्ञ |
दारा सिंह की कुल संपत्ति | 100 करोड़ रुपए के लगभग |
डांसिंग की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
दारा सिंह की शारीरिक संरचना (Body structure of Dara Singh)
दारा सिंह की लंबाई | 6 फुट 2 इंच |
दारा सिंह का वजन | 130 किलोग्राम |
दारा सिंह का शारीरिक माप | छाती 52 इंच, कमर 28 इंच, बाइसेप्स 18 इंच |
दारा सिंह की आंखों का रंग | गहरा भूरा |
दारा सिंह के बालों का रंग | सॉल्ट एंड पेपर |
दारा सिंह का परिवार (Dara Singh’s family)
दारा सिंह के पिता का नाम | सूरत सिंह रंधावा |
दारा सिंह की माता का नाम | बलवंत कौर |
दारा सिंह के भाई का नाम | सरदारा सिंह रंधावा |
दारा सिंह की पत्नी का नाम | बचनो कौर (पहली पत्नी तलाक) सुरजीत कौर औलख ( दूसरी पत्नी विवाह 11 मई 1961) |
दारा सिंह के बेटों का नाम | प्रद्युमन रंधावा ( पहली पत्नी से) वीरेंद्र सिंह रंधावा और अमरीक सिंह रंधावा ( दूसरी पत्नी से) |
दारा सिंह की बेटियों के नाम | दीपा सिंह, कमल सिंह, लवलीन सिंह ( दूसरी पत्नी) |
दारा सिंह का हिंदी सिनेमा में पदार्पण। (Dara Singh’s debut in Hindi cinema.)
दारा सिंह अपनी पहलवानी के साथ साथ हिंदी सिनेमा में भी काम करने लगे। वर्ष 1952 में उन्होंने आर सी तलवार द्वारा निर्देशित फिल्म संगदिल से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया। इस फिल्म के मुख्य अभिनेता तथा अभिनेत्री दिलीप कुमार और मधुबाला थी। इसके पश्चात वर्ष 1954 में उन्होंने पहली झलक में वक्त और दारा सिंह पहलवान का किरदार निभाया था। वर्ष 1962 में भी उन्होंने किंग कोंग फिल्म में जिंगू/ किंग कोंग की भूमिका निभाई। इसी तरह कई वर्षों तक और कई फिल्मों में वह स्टंटमैन या पहलवान की भूमिका ही निभाया करते थे। वर्ष 2007 में इम्तियाज अली द्वारा निर्देशित फिल्म जब वी मेट में इन्होंने गीत के दादा का किरदार निभाया था और वर्ष 2012 में आई फिल्म अता पता लापता बॉलीवुड की इनकी अंतिम फिल्म थी।
दारा सिंह का पंजाबी फिल्मों में पदार्पण (Dara Singh’s debut in Punjabi films)
वर्ष 1966 में दारा सिंह ने दुल्ला भट्टी फिल्म से पंजाबी फिल्मों में पदार्पण किया था। इस फिल्म में उन्होंने मुख्य किरदार निभाया था। इसके पश्चात वर्ष 1970 में इन्होंने नानक दुखिया सब संसार फिल्म में करतार सिंह की भूमिका निभाई थी और इस फिल्म का निर्देशन भी दारा सिंह ने ही किया था। वर्ष 1976 में भी इन्होंने सवा लाख से एक लड़ाऊं फिल्म में करतार सिंह का ही किरदार निभाया था और इस फिल्म का निर्देशन भी इन्होंने ही किया था। वर्ष 2006 में आई दिल अपना पंजाबी दारा सिंह की अंतिम पंजाबी फिल्म थी।
दारा सिंह का राजनीति में पदार्पण (Dara Singh’s debut in politics)
दारा सिंह ने वर्ष 1998 में भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन कर लिया था। राज्यसभा में मनोनीत किए जाने वाले यह सबसे पहले खिलाड़ी थे। उन्होंने वर्ष 2003 से 2009 तक भारतीय जनता पार्टी के साथ काम किया। यह जाट महासभा के सदस्य भी थे।
दारा सिंह की मृत्यु (Dara Singh’s death)
दारा सिंह को 7 जुलाई 2012 को घातक हार्ट अटैक के कारण कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। 2 दिनों तक उनको अस्पताल में रखा गया और बाद में उनके खून का दौरा कम होने के कारण ब्रेन डैमेज भी हो गया। जिसके कारण उनकी 12 जुलाई 2012 को मृत्यु हो गई।
दारा सिंह के अवार्ड और सम्मान (Awards and Honors of Dara Singh)
वर्ष 1954 महाराजा हरि सिंह द्वारा दिया गया रुस्तम ए हिंद पुरस्कार
वर्ष 1996 रेसलर ऑब्जर्वर न्यूज़लेटर हॉल ऑफ फेम
वर्ष 2016 इंडियास टॉप रेसलर ऑफ ऑल टाइम
वर्ष 2018 डब्ल्यूडब्ल्यूई हॉल ऑफ फेम लीगेसी क्लास 2018