ए के हंगल का जन्म 1 फरवरी 1914 को सियालकोट पंजाब ब्रिटिश इंडिया में हुआ था। 3 वर्षों तक इनके परिवार को पाकिस्तान में ही बंदी बनाकर रखा गया था। वर्ष 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे के पश्चात इनका परिवार वर्ष 1949 में बॉम्बे भारत आकर बस गया था। बॉम्बे आने के पश्चात यह बलराज साहनी और कैफी आज़मी के साथ काम करने लगी। ए के हंगल ने वर्ष 1966 बासु भट्टाचार्य द्वारा निर्देशित फिल्म तीसरी कसम राज कपूर के बड़े भाई का किरदार निभा कर हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। वर्ष 1971 में इन्होंने गुलजार द्वारा निर्देशित फिल्म गुड्डी में गुड्डी के पिता की भूमिका भी निभाई थी। इन्होंने कई सुपरहिट फिल्म जैसे कि हीर रांझा, नमक हराम, शोले, अवतार, अर्जुन, कोरा कागज, बावर्ची, छुपा रुस्तम और नरम गरम आदि में दिग्गज अभिनेताओं तथा अभिनेत्रियों के साथ काम किया। ए के हंगल ने अपने जीवन में 55 वर्षों से ज्यादा हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय का योगदान दिया परंतु फिर भी अपने जीवन के अंतिम समय में उन्हें बहुत आर्थिक तंगी से गुजारना पड़ा। लंबे समय तक बीमार रहने के कारण 26 अगस्त 2012 को उनका मुंबई में देहांत हो गया।
ए के हंगल का जन्म और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि (AK Hangal’s birth and family background)
ए के हंगल का जन्म 1 फरवरी 1914 को सियालकोट पंजाब प्रोविंस ब्रिटिश इंडिया के समय एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। इनके बचपन का अधिकतर समय पेशावर में गुजरा था वहीं पर रहते हुए इन्होंने थिएटर ग्रुप के साथ काम करना शुरू कर दिया था। इनके पिता का नाम पंडित हरिकिशन हंगल तथा माता का नाम राज्ञा हुंदू था। वर्ष 1929 से 1947 के बीच में उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया। वर्ष 1936 में यह श्री संगीत प्रिय मंडल थिएटर ग्रुप के साथ जुड़ गए और वर्ष 1946 तक उनके साथ काम किया। वर्ष 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे की 3 वर्षों तक यह पाकिस्तान में ही कैदी बंद कर रहे उसके पश्चात उन्हें वर्ष 1949 में आजाद कर दिया गया। जिसके पश्चात यह मुंबई आकर बस गए।
ए के हंगल की व्यक्तिगत जानकारी (Personal Information of AK Hangal)
वास्तविक नाम | अवतार किशन हंगल |
उपनाम | ए के हंगल |
ए के हंगल का जन्मदिन | 1 फरवरी 1914 |
ए के हंगल की आयु | 98 वर्ष |
ए के हंगल का जन्म स्थान | सियालकोट पंजाब ब्रिटिश इंडिया |
ए के हंगल का मूल निवास स्थान | पेशावर पाकिस्तान |
ए के हंगल की मृत्यु तिथि | 26 अगस्त 2012 |
ए के हंगल का मृत्यु स्थान | मुंबई महाराष्ट्र भारत |
ए के हंगल की राष्ट्रीयता | भारतीय |
ए के हंगल का धर्म | हिंदू |
ए के हंगल की जाति | कश्मीरी पंडित |
ए के हंगल की शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
ए के हंगल के स्कूल का नाम | खालसा हाई स्कूल पेशावर |
ए के हंगल का व्यवसाय | अभिनेता |
ए के हंगल की कुल संपत्ति | ज्ञात नहीं |
ए के हंगल की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
ए के हंगल की शारीरिक संरचना (A. K. Hangal’s anatomy)
ए के हंगल की लंबाई | 5 फुट 4 इंच |
ए के हंगल का वजन | 55 किलोग्राम |
ए के हंगल का शारीरिक माप | छाती 34 इंच, कमर 30 इंच, बाइसेप्स 12 इंच |
ए के हंगल की आंखों का | गहरा भूरा |
ए के हंगल के बालों का रंग | सफेद |
ए के हंगल का परिवार (AK Hangal’s family)
ए के हंगल के पिता का नाम | पंडित हरि किशन हंगल |
ए के हंगल की माता का नाम | राज्ञा हुंदू |
ए के हंगल की बहनों का नाम | कृष्ण कुमारी और बिशन कुमारी |
ए के हंगल की पत्नी का नाम | मनोरमा दार |
ए के हंगल के बेटे का नाम | विजय हंगल |
ए के हंगल का हिंदी सिनेमा में पदार्पण (AK Hangal’s debut in Hindi cinema)
ए के हंगल ने 52 वर्ष की आयु में बासु भट्टाचार्य द्वारा निर्देशित फिल्म तीसरी कसम और समीर गांगुली द्वारा निर्देशित फिल्म शागिर्द से वर्ष 1966 में हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। वर्ष 1970, 1980 तथा 1990 के दशकों में उन्होंने कई फिल्मों में पिता, चाचा, ताया, बड़े भाई और दादा, नाना की भूमिका निभाई। केवल राजेश खन्ना के साथ ही उन्होंने लगभग 16 फिल्मों में काम किया। वर्ष 1972 में उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित कॉमेडी म्यूजिकल ड्रामा फिल्म बावर्ची में रामनाथ शर्मा मुन्ना का किरदार निभाया था। वर्ष 1973 में उन्होंने नमक हराम फिल्म में विपिन लाल पांडे की भूमिका निभाई। वर्ष 1974 में उन्होंने कोरा कागज फिल्म में प्रिंसिपल गुप्ता की भूमिका निभाई थी पूर्णविराम इस फिल्म के मुख्य अभिनेता तथा अभिनेत्री विजय आनंद, जया भादुरी, अचला सचदेव आदित्य।
कई फिल्मों में काम करने के पश्चात ए के हंगल को वर्ष 1975 में रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित तथा सलीम जावेद द्वारा लिखित फिल्म शोले में इमाम साहब/रहीम चाचा के किरदार से हिंदी सिनेमा में सबसे अधिक लोकप्रियता प्राप्त हुई। इसके पश्चात उन्होंने लगातार कई सुपरहिट फिल्मों जैसे कि सत्यम शिवम सुंदरम वर्ष 1978, स्वर्ग नरक वर्ष 1978, जुदाई वर्ष 1980, कुदरत वर्ष 1981, साथ साथ वर्ष 1982, नौकर बीवी का वर्ष 1983, शराबी वर्ष 1984, राम तेरी गंगा मैली वर्ष 1985, सागर वर्ष 1985, रूप की रानी चोरों का राजा, वर्ष 1993, खलनायक वर्ष 1993, लगान : वंस अपॉन अ टाइम इन इंडिया वर्ष 2001 में काम किया आदि। अपने जीवन में उन्होंने लगभग 200 से अधिक फिल्मों में काम किया।
ए के हंगल का टेलीविजन धारावाहिक में पदार्पण (AK Hangal’s television serial debut)
वर्ष 1986 तक हिंदी सिनेमा के माध्यम से ए के हंगल की बहुत अच्छी फैन फॉलोइंग बन गई थी। उन्होंने हिंदी सिनेमा में काम करने के साथ-साथ समानांतर रूप से टेलीविजन धारावाहिकों में भी वर्ष 1996 में डार्कनेस टीवी मिनि सीरीज़ के साथ पदार्पण किया। उन्होंने लगभग 9 धारावाहिकों में जीवन रेखा वर्ष 1988, जबान संभाल के वर्ष 1993, चंद्रकांता वर्ष 1996, बेताल पच्चीसी वर्ष 1997, बॉम्बे ब्लू वर्ष 1997, आहट वर्ष 1998, होटल किंग्सटन वर्ष 2004 , मधुबाला एक इश्क एक जुनून वर्ष 2012 में काम किया। जिसमें इन को सबसे अधिक लोकप्रियता चंद्रकांता धारावाहिक में परिचंद के किरदार से प्राप्त हुई।
ए के हंगल की मृत्यु (AK Hangal’s death)
अपने बाथरूम में गिर जाने के कारण उनकी नाक की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी जिसके चलते उन्हें 16 अगस्त 2012 को उन्हें संता क्रूज मुंबई आशा पारेख हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। साथ ही साथ उन्हें और भी चोटें आई थी तथा उनके फेफड़ों ने भी काम करना बंद कर दिया था। जिसकी वजह से उन्हें 26 अगस्त को लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था परंतु उसी दिन उनके शरीर ने प्रतिक्रिया देनी बंद कर दी थी और परिणाम स्वरूप उनका 98 वर्ष की आयु में देहांत हो गया।
ए के हंगल के अवार्ड और सम्मान (A K Hangal’s Awards and Honors)
वर्ष 2004 में ए के हंगल के हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए उनको भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ए के हंगल को पद्म भूषण का पुरस्कार डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा दिया गया था।
ए के हंगल का वास्तविक नाम
अवतार किशन हंगल
ए के हंगल की आयु ( मृत्यु के समय)
98 वर्ष
ए के हंगल की पहली फिल्म
तीसरी कसम वर्ष 1966
ए के हंगल की अंतिम फिल्म
कृष्णा और कंस वर्ष 2012
ए के हंगल का लोकप्रिय किरदार
इमाम साहब/ रहीम चाचा ( फिल्म शोले)